कभी यूँ ही शाम की तन्हाई में
जब चेतना मुझसे सवाल करती है,
बात कुछ ऐसी सवालात की गहराई में
की आत्मा भी उसमे उतरने को डरती है,
चंद बातें ऐसी जो मनोभाव
को समूल झकझोर दे,
ज़रा इन प्रश्नों पर गौर करें
इन सवालों पर थोड़ा ज़ोर दे...
कब तुमने राह खड़े
भिखारी को भिक्शा के साथ
करुणा की दीक्शा भी दी थी,
ज़िन्दगी के तमाम इम्तहान
के पीछे छिपी
असली परीक्शा भी दी थी...
मित्र का दुखड़ा कोई सुन
आँसू ही नही छलके पलकों से
ह्रिदय तुम्हारा रोया था,
और खुशी की बात पे कोई
होंठ नही दिल के आँगन से
मुस्कुराहट का गुलदस्ता खोया था....
भगवान,खुदा,वाहे गुरू,ईशू आदि
शब्दो को इंसानों में भेद का
साधन नही माना था तुमने,
पत्थर को पूजने की जगह
मस्जिद में सलाम करने के बजाय
भूमिगत निर्विकार भाव को पह्चाना था तुमने...
और क्या ऐसा भी हुआ की
ज़माने के निर्मित इन
तुच्छ समझौतों की ज़ंज़ीरों से
तुम मुक्त रहे,तुम पाक रहे,
इन्सानियत के शिखर पे
अपनी हस्ती को पहुँचाया
तुमने,भले ज़माने की
नज़र में खाक रहे...
अगर तुम्हारे जवाब
हक़ीक़तन हाँ में है,
तो तुम्हारे जैसा दूसरा
नही कोई जहाँ में है,
कोई खुदाई नही बदलेगी
हालात संसार के,
असली ताक़त तो छुपी
एक सच्चे इन्साँ में है ..............
and u can be that person...its difficult,but remember.......together we can and we will make a difference....
hope these words inspire u 2 at least make an attempt to discover the latent greatness that lies somewhere inside u.........
11 comments:
सच कहा आपने. असली ताकत मन के अन्दर ही है.
मन के हारे हार है
मन की जीते जीत.
बहुत सुंदर कविता. बधाई.
अच्छी कविता..
सुंदर व्याख्यान..
बधाई..
shukriyaa aap dono ka......
Sajal Ji
aapki kavita bahut khoobsoorat hai.
jeevan mein aksar hum aesi kitni hi baaton ko nakaar kar aage badh jaate hain... shayad us gambheerta se unhe dekhte nahin hain ya shayad dekhna hi nahi chahte..
aur jab baad mein un par vichaar karte hain to yahi vichaar aate hain.ki kaash wapas ja kar un paloon ko ek baar phir se sahi tareeke se jee lete...
Anyways ur Poem is very nice ...
thanks a lot vandana ji....achaa samjhi hai aap mere feelings ko........
mast yaar..!!!
...didnt get all o it..but jitna bhi samajh aaya ...mast laga...!!!..
...speciallly..woh bikshuk waala line...well done mate.!!!keep it up..!!!..
..
thanks yaar..tumhare jaise sahityakaar ka comment paake main dhanya huyaa........waiting for more of ur comments
wah yaar ...ultimate hai...........hAR ek shabd ka zabardast matlab hai.....brilliant.......shayar ke naam pe tumhara naam hamesha yaad rahega logi ko,......sahiiiiiiiiiiii
shukriyaa pushy........
"muskurahat ka guldasta khoya tha..."
bahut khoobsoorat hai!! har ek shabd me bahut gahrayi hai,jo hamara khud se sakshatkar karata hai.....
well done!!!
thanks Suruchi...sorry am very late in noticing ur comment...I guess will need to thank u personally as well :)
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