अगर खामोशी को कभी सुना नही,
ज़मीं पे खड़े खड़े आकाश को छुआ नही,
हिलते नाचते पत्तों से बातें नही की,
चहचहाते चिड़ियों से मुलाकातें नही की,
प्रकृति की गोद मे कभी सोये नही,
चांद के कंधे पे सर रख रोये नही,
आकाश को छुआ नही,खामोशी को सुना नही,
क्या किया तुमने??
इंद्रधनुष के रंगों से होली नही खेली कभी,
तुमको देख बस आहें भरते रहे पर्वत सभी,
बादल के कोने को हाथों से तोड़ा नही,
और आँखों से नदी का रुख मोड़ा नही,
छत से ज़मीं पर कभी छलाँग मारी नही,
और इस हवा की कभी की सवारी नही,
आकाश को छुआ नही,खामोशी को सुना नही,
क्या किया तुमने??
14 comments:
ऐसी अनूठी रचना तो पहली बार पढ़ रहा हूँ, ऐसा बहुत कम लोग कर पाते हैं
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sajal bhai, baki sab to theek, lekin chhat se zamin par chhalang marne wali baat, oh ??????????????????????????
'क्या किया तुमने??
अगर खामोशी को कभी सुना नही,
ज़मीं पे खड़े खड़े आकाश को छुआ नही,
हिलते नाचते पत्तों से बातें नही की,
चहचहाते चिड़ियों से मुलाकातें नही की,
प्रकृति की गोद मे कभी सोये नही,
चांद के कंधे पे सर रख रोये नही,
आकाश को छुआ नही,खामोशी को सुना नही,
क्या किया तुमने??'
-वास्तव में जो प्रकृति के इस आनंद से वंचित रहते हैं, बहुत कुछ खोते हैं.
......हमसे यूं तो इनमे से कुछ न हुआ .
बस प्यार किया .......सब हो गया !
उसीने मुझे छुआ !
भाई थोड़ी उत्सुकता है .....झारखण्ड में आप कहाँ से ?
sab logo ka is tarah hausla badhane ke liye shukriyaa..prayas jaari rahegaa :)
Swapn Sir..
isme kya ajeeb lagaa aapko?..aankhein band kijiye,chhat se neche dekhiye aur kalpana ki chhalang lagaa dijiye...jab kalpan ki udaan ho sakti hai to chhalang kyon nahi? :)
vaise jab badal todna aur hawaao ki sawaari karna muskil nahi to ye kyo??
क्या किया तुमने??
अगर खामोशी को कभी सुना नही,
ज़मीं पे खड़े खड़े आकाश को छुआ नही
बहूत ही गज़ब का लिखा है...........यथार्थ और लाजवाब लिखा है................खामोशी की जुबान को वाकई अगर कोई सुन सके तो वो बहूत कुछ कहती है...............
bahut hi khoob soorat rachnaye apke blog me padhne ko mili ..kavita ke priti apki ye sacchi koshis bahut acchi lagi
chalo bhai maan li tumhari baat, ab agar chot vagairah lag jaye aur cheekh nikal jaaye to bacha lena.
jawab durust laga.
sawal vaajib hai...aur kavita behad khoobsoorat
shukriya dosto...aap logo ka maargdarshan hi meri prerna bhi hai :)
Swapn Sir..aap sahi tareeke se kijiye,kuch nahi hoga...
ek prashn uthane ke liye aap badhai ke paatra hai...
bahut sunder... :)
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