यूँ तो बेवजह तारीफ़ मैं करता नही,
पर आज ये शायर दिल मजबूर है,
आज तक नही किया नशा जिसने,
आज तेरे हुस्न के नशे में चूर है।
चंचल सी,मद्धम सी ये धूप जैसे,
फ़िसल रही हो तेरे खुले बाहों से,
तेरा स्पर्श करने को आतुर हूँ,
पर हाथों से नही,निगाहों से।
दबी हुई हसरत है की मेरी नज़र,
तेरा आँचल बन तुझसे लिपट जाये,
या तेरे दीदार की प्यासी निगाहें,
तेरा अरमान बन तेरे दिल में सिमट जाये।
मेरे होंठ तेरे लबो पे सज जाये,
पर तेरी ही कविता के बोल बनके,
और समाये तेरी साँसे मेरी साँसो में,
फ़कत एक एहसास अनमोल बनके।
तेरे चेहरे की चमक ये जैसे,
मेरी रातों को रोशन करती है,
ख्वाबों के तहखाने में आने को,
जो तू यादों की सीढ़ियाँ उतरती है।
मुझमे तू है और तुझमे मैं हूँ,
इस हकीकत से अब मैं अंजान नही,
खूबसूरती की इस ज्योत के बिना,
इस सजल अस्तित्व की पूर्ण पहचान नही।
14 comments:
सजल जी....
क्या कहूँ कुछ शब्द ही नही मिल रहें हैं..........
वाह वाह करता रहूँ तो बस इसी में घंटो बीत जाये.......
बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने.....
बधाई....
तेरा स्पर्श करने को आतुर हूँ,
पर हाथों से नही,निगाहों से।
बहुत खूब कल्पनाओ का सुन्दर प्रवाह
मुझमे तू है और तुझमे मैं हूँ,
इस हकीकत से अब मैं अंजान नही,
खूबसूरती की इस ज्योत के बिना,
इस सजल अस्तित्व की पूर्ण पहचान नही।
umda shabd sanyojan/ bhavabhivyakti. badhai.
प्यार की कविता रचनेवाला
बहुत प्यारा होता है!
मुझे आपका नाम भी
बहुत अच्छा लगा!
यूँ ही लिखते रहो,
प्यार करते रहो!
आज तक नही किया नशा जिसने,
आज तेरे हुस्न के नशे में चूर है।
आपकी कल्पना की उड़ान लाजवाब है........... बहुत ही खूबसूरत लिखा है......... पूरी रचना गज़ब की है
aap sabhi lago ka shukriya in saraahna bhare shabdo ke liye
वाक़ई लाजवाब ख़्यालात हैं
bhaiyya ,
main to speachless ho gaya .. aur kya kahun ..
naman hai aapki lekhni ko ..
vijay
बहुत ही शानदार कविता लिखा है आपने जो काबिले तारीफ है!
shukriya dosto...Vijay Sir,aap pehli baar aaye hai is blog pe aapka swagat hai...vaise mujh bache ke liye bhaiyya sambodhan na istemaal kare :)
wah bhai .. kya bat hai ... I loved the start but in the later stages some of the lines seemed cliched to me ... but over all the effect was heart warming .. :)
Thanks bro.. :)
piously romantic....
nishabd hun..........itna achcha likha hai ki tarif ke liye shabd nhi hain mere paas.
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