कल शाम पार्क मे बैठा हुआ था,
पास एक बच्चा प्यारी सी एक ज़िद
किये जा रहा था,किये जा रहा था,
कहता, चंदा मेरा मामा है तो चलो,
एक बार मिलवाओ मुझे उनसे,एक बार,
और साथ मे जो थे,उसके पिता होंगे,
इस मासूम पर जटिल ज़िद के आगे लाचार,
बगल वाली बेंच पे ये भोला सा तमाशा,
चले जा रहा था,चले जा रहा था...
और....ऐसे मे मेरे अंदर का कवि जागा,
सोचता हूँ कभी जब अपना भी बच्चा होगा,
और अपने चंदा मामा से मिलना चाहेगा,
इसी तरह कभी ज़िद करने लगेगा पार्क मे,
तो कह दूँगा,मुन्ने साब बात ऐसी है,
आपके मामा अब हमसे नाराज़ हो गये है,
क्योंकि आज तक उनका नाम लेकर हम,
आपकी मम्मी को बुलाते आये है,और,
जाने कितनी ही कवितायें बनाते आये है...
अगर अब भी नही समझे की ये कवि,
क्या कह रहा है,तो जान लो ये कविता,
एक बहाना था,एक बार फ़िर तुमको,
चुपके से चांद कहके बुलाना था !!!
18 comments:
बड़ी मासूमियत शामिल है...
तो कह दूँगा,मुन्ने साब बात ऐसी है,
आपके मामा अब हमसे नाराज़ हो गये है,
क्योंकि आज तक उनका नाम लेकर हम,
आपकी मम्मी को बुलाते आये है,और,
जाने कितनी ही कवितायें बनाते आये है...
बहुत ही सुंदर जी.
धन्यवाद
Sunder bhaav....sunder blog....badhai
shukriya dosto...Poonam mam...welcome to the blog :)
waah.......kya ada hai.
चांद और महबूब की बहुत सी रचनाएं पढी हैं, पर यह कविता उन सबसे जुदा है। बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bahut hi masum jid..
nice poem...
बहुत ही सुंदर
shukriya aap sab kaa
yeh title mujhe tab bhi badi achhi lagi thi jab tumne kisi aur ke liye yeh baat kahi thi......masstt line hai boss."chaand ko kya maloom ki taareef kisi aur ki hoti hai"
ending bhi mujhe badi achhi lagi..
"एक बहाना था,एक बार फ़िर तुमको,
चुपके से चांद कहके बुलाना था !!!
"
waah bachcha bhi bahal gaya aur aap bhi... sunder
अगर अब भी नही समझे की ये कवि,
क्या कह रहा है,तो जान लो ये कविता,
एक बहाना था,एक बार फ़िर तुमको,
चुपके से चांद कहके बुलाना था !!!
bahut sundar!!
Very Nice one, wherin you innocently dwelled with imotions.
Mukesh Kumar Tiwari
... बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति !!!
WAH kya baat hai.........Bahut khubsurat rachna hai apki......... dil ko chhoo lene wali
thanks friends...
wah bahut sunder ...kya bahana hai ..
ab aapki tarif kya karun...apka tarif-e andaz toh nayab hai
aapki rachna lajawab hai..
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