Saturday, June 20, 2009

एक सवाल ज़िंदगी से

कल शाम मोड़ पर अचानक,
मुझसे टकराया एक सवाल...

मैं सौरी बोल निकलना चाहता था,
पर जाने क्यों उसे देख ठिठक गया,
जाना पहचाना सा मालूम होता था,
मैने नमस्ते कहा,और नाम पूछा,
लेकिन वो जाने किस धुन मे था,
मेरी सुनी नही,अपनी सुनाता गया...
बोला- ये हमारी पहली मुलाकत नही,
मैं अकसर तेरे सामने खड़ा हो जाता हूँ,
तेरे जीवन-काल मे जाने कितनी बार,
तुझसे इसी तरह टकराता आया हूँ,
मैने फ़िर नाम पूछा,वो फ़िर बोला,
क्यों अजनबी हूँ आज भी तेरे लिये,
पहचान नही पाते मुझको,जब कि,
कोई दिखावा,कोई छलावा,कोई नकाब नही है,
शायद इस सवाल का ही कोई जवाब नही है,
हर जवाब सवाल के बिन अधूरा है लेकिन,
कुछ सवाल जवाबों के मोहताज नही होते,
मेरी मजबूरी है की जब तक तुम मुझको
देख हैरान परेशान होते रहोगे,मैं भी,
तुमसे ज़िंदगी मे यूँ ही टकराता रहूँगा,
बहरूपिये सा वेश धर बराबर आता रहूँगा...

मान ली उसकी बात,और कहा उससे,
हे अजनबी,अपना नाम तो बताते जाओ,
मेरा विश्वास देख उसने अपना नाम बताया,
और सच,उसके बाद नज़र ना आया,
आज तलक याद है,उसने कहा था,
मेरा नाम है- मैं कौन हूँ !!!

14 comments:

Udan Tashtari said...

काश, इसका कोई जबाब पा जाता:
"मैं कौन हूँ!!"

Himanshu Pandey said...

यही शाश्वत प्रश्न । सदैव अनुत्तरित, पर आकर्षण इतना गहरा है इस प्रश्न का कि खोज जारी है । आभार इस प्रविष्टि के लिये ।

Yogesh Verma Swapn said...

bhai wah sajal, ant tak bandhe rakha kavita ne aur end lajawaab. badhai.

ओम आर्य said...

jindagi ki mod aise hote hai sawal bankar rah jaate hai ..........par jindgi rukati kidhar hai .......nirantar apani gati se badhti rahati hai ....wah sawaal sawaal hi rah jaate hai ........ek suljhi huee kawita

डॉ. मनोज मिश्र said...

अरे वाह ,आपने अच्छा सवाल पूछ लिया जिन्दगी से .

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर रचना है। इसी सवाल की खोज का नाम ही तो जिन्दगी है।बहुत बढिया लिखी है रचना।बधाई।

राज भाटिय़ा said...

वाह, हम मे से किसी के पास नही है इस बात का जबाब !
क्या बात है...


मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे

M VERMA said...

आज तलक याद है,उसने कहा था,
मेरा नाम है- मैं कौन हूँ !!!
bahut khoob sajal bhai. ant me apne ek sawal khada kar hi diya.

bahut achchhi rachana

Alpana Verma said...

कुछ सवालों के जवाब नहीं होते!
मैं कौन हूँ...का पूरा जवाब किसे मिल पाया है?

vandana gupta said...

amazing..........very nice.

दिगम्बर नासवा said...

सही कहा.......सवाल अपने आप में सबसे बड़ा सवाल है.............. जिसका जवाब किसी के पास नहीं है.......... अच्छी रचना है ...... गहरा एहसास छिपा है इस रचना में

Sajal Ehsaas said...

thanks friends...am overwhelmed at such a response...bahut utsaah badhaya aap logo ne is saraahna se :)

mehek said...

kya kehne,bahut hi sunder rachana,is sawal ka jawab,shayad nahi mila hame bhi.

Sajal Ehsaas said...

:)